Tuesday 10 March 2020

वैश्विक स्तर पर भारतीय शिक्षा की बेहतरी के 7 कारण

भारत प्रारम्भ से ही विश्व गुरु रहा है। तक्षशिला, नालन्दा, पाटलीपुत्र जैसे विश्वविद्यालय भारत की उन्नत वैचारिकता का यशोगान करते हैं। आधुनिक भारत भी अपनी शिक्षा व्यवस्था के कारण वैश्विक पटल पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता रहा है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक अर्वाचीन व्यवस्था अपनी गौरव शाली परम्परा को यथावत रखने में कामयाब है।

प्राथमिक स्तर पर शिक्षा प्रदान करने बल सबसे बड़ा देश हिंदुस्तान है। आज पिछड़े व अति पिछड़े इलाकों के अधिकांश बच्चे मजबूती के साथ प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस शिक्षा के माध्यम से उनका व्यक्तिगत कौशल, उनकी समझ, भाषागत योग्यता, परिष्कृत रचनात्मकता इत्यादि का विकास होता है।

आज प्राथमिक स्तर पर सभी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में से 82 प्रतिशत विद्यालय सरकार द्वारा संचालित है। यशश्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा से जुड़ी अनेक योजनाएं शुरू की है जिसका प्रत्यक्ष लाभ विद्यार्थियों को मिलता है। उनमें अपेक्षित सुधार के लिए शैक्षणिक सहायता सामग्री जैसे मुफ्त पाठ्य पुस्तकें, यूनिफॉर्म, बैग, दोपहर का भोजन इत्यादि सुविधओं को उपलब्ध कराया जाना।

प्राथमिक शिक्षा में शिक्षकों को भी नवीनतम तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। “निष्ठा” प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हे प्रशिक्षित किया जा रहा है। विद्यालयों में वार्षिकोत्सव का आयोजन उसी की कड़ी है।

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via World News

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